Poem-2:
Created: 27 July 2006
हर दर्द बुरा नहीं होता ,
हर मंजिल आसान नहीं होती .
जीवन की राह कठिन है बड़ी ,
पर तुम जैसा हमसफ़र मिले ना जिसे
उसका सफ़र सुहाना नहीं होता .
यूं तो लोग मिलते -बिछड़ते है हर रोज यहाँ ,
पर हर मुलाक़ात हसीं हो , ऐसा समां हमेशा नहीं होता
लोग साथ रहकर भी हैं कितने तन्हा ,
पर इक याद भर से ही जो दूरियाँ मिटा दे ,
ऐसा दोस्त हर किसी के पास नहीं होता .
शुक्रगुजार हूँ मैं उस खुदा का , जिसने मुझे तुमसे मिलाया
आख़िर , तुम जैसा प्यारा साथी हर किसी को नसीब नहीं होता .
Thursday, August 03, 2006
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